मृत्यु सन्देश
मृत्यु तुम इतने दबे पांव आना,
कि मुझको भी ना आभास रहे।
तुम मेरे समीप खड़ी हो,
मेरी ही मौत का फ़रमान लिए।
चिर निद्रा में सोया हुआ हूँ जब मैं,
सुबह की उम्मीद लिए
पौ फटते ही आ जाना,
बिन क़दमों की आवाज़ किये।
ना साँसे उफान सहे,
ना पीड़ा कोई चीत्कार करे।
आना मृत्यु यूँ ही तुम दबे पांव
नई यात्रा का संदेश लिए।
❤सोनिया जाधव
#लेखनी दैनिक प्रतियोगिता
#सन्देश
ऋषभ दिव्येन्द्र
02-Nov-2021 01:23 PM
खूब लिखा आपने 👌👌
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Niraj Pandey
01-Nov-2021 06:02 PM
👌👌
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Gunjan Kamal
01-Nov-2021 03:00 PM
वाह मैम बहुत खूब
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